Tuesday 3 May 2016

डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के विचार!!

Dr. Babasaheb Ambedkar बाबा साहेब आंबेडकर के विचार ।।।।। १५ अगस्त १९४७
१. तुम्हारी विरासत पर तीन बाल हमला हुआ:
-आर्यों का
-मुसलमानों का
-अंग्रेजों का
२. तुम दूसरी और तीसरी गुलामी मैं फंस गए |
३. १५ अगस्त १९४७ को तुम्हें गुलाम बनाने वाले आजाद हो गए पर तुम्हे चार हज़ार वर्ष पूर्व गुलाम बनाने वालों ने तुम्हें आजाद नहीं किया |
४. तुम्हारी लड़ाई चंद अधिकारों की लड़ाई नहीं है ये तो आज़ादी की लड़ाई है |
५. इस लड़ाई के लिए मैंने तुम्हें महँ अस्त्र दिया है जो हिन्दुओं के ब्रह्मास्त्र से भी बड़ा है
६. ये अस्त्र है - एक व्यक्ति का एक वोट (मताधिकार)
७. रजा बनने के लिए रानी के पेट की जरूरत नहीं, तुम्हारे वोट की जरूरत है |
८. तुम अपने वोट से खुद राजा बन सकते हो |
९. तुम्हें जो आरक्षण मिला है ये किसी की दया या भीख नहीं है, ये तुम्हारा अधिकार है |
८. अधिकार मांगने से नहीं मिलता इसे छीनना होता है इसे छीन लो |
९. ऐसा करने मैं क़ुरबानी देनी होती है, जिस कौम में क़ुरबानी देने वाले नहीं वो कौम कभी आगे नहीं बाद सकती, क़ुरबानी दो आगे बढ़ो
१०.सावधान रहो अपने खिलाफ की जाने वाली साजिशों को पहचानो और विफल करो |
११. तुम्हें अपने पैर चाहिए बैसाखी नहीं |
१२. संस्कार मैं दिए गए सूअर , भेड़, बकरे, मुर्गे, जूता सिलने की मशीन तुम्हारा आर्थिक उथान नहीं कर सकेंगे |
१३. ये तुम्हारे और तुम्हारी आने वाली पीढ़ीयों को ख़राब करने की साजिश है, इसका बहिष्कार करो |
१४. पूना-पेक्ट की वजह से तुम्हारा राजनेतिक अधिकार बेमाने हो गए है |
१५. इससे तुम्हारा राजनेतिक प्रतिनिधित्व विकलांग ही नहीं बल्कि लक्वाग्रह्स्त गो गया है |
१६. नौकरी मैं आरक्षण पूरा न होने के कारन तुम्हारे लाखो-करोड़ों भाई बेकार है |
१७. इससे तुम्हारे समाज का लाखों करोड़ का नुक्सान हो रहा है, इस नुक्सान को बचाओ|
१८. याद रखो तुम्हारे प्रति जो सवर्णों का आकर्षण है वो प्रेम नहीं बल्कि तुम्हारे खो जाने का भय है |
१९. इक्कीसवीं सदी तुम्हारी होगी इसे कोई रोक नहीं सकता इस पर विश्वास करो |
२०. याद रखो अन्याय का विरोध सम्मान और अधिकार की प्राप्ति ही जीवन है |

No comments:

Post a Comment